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Thursday 29 November 2012

FDI पर झुकी सरकार, अब चलेगी संसद

मल्टि-ब्रैंड रीटेल में एफडीआई के मुद्दे पर संसद में जारी गतिरोध खत्म हो गया है। सरकार संसद के दोनों सदनों में वोटिंग वाले नियम के तहत चर्चा के लिए तैयार हो गई है। विपक्ष खासकर बीजेपी और लेफ्ट पार्टियों की मांग के मुताबिक, लोकसभा में नियम 184 के तहत और राज्यसभा में नियम 168 के तहत चर्चा की जाएगी। सूत्रों ने बताया कि लोकसभा में इस मुद्दे पर 4 और 5 दिसंबर को चर्चा होगी। राज्यसभा में चर्चा की तारीख अभी तय नहीं हुई है। लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने इस बारे में दिए गए नोटिसों को स्वीकार कर लिया है। राज्यसभा के सभापति हामिद अंसारी ने सर्वदलीय मीटिंग में सदन के भीतर वोटिंग वाले नियम के तहत चर्चा पर सहमति दे दी। राज्यसभा में बहस के बाद मांग के आधार पर वोटिंग होगी। मीरा कुमार के फैसले के तुरंत बाद संसदीय कार्य मंत्री कमलनाथ ने राज्यसभा के सभापति हामिद अंसारी को सरकार के रुख की जानकारी दी। उन्होंने कहा, 'मैंने कहा है कि हमारी पार्टी और सरकार संसद के दोनों सदनों को चलाए जाने के पक्ष में है और किस नियम के तहत चर्चा हो, इस बारे में सभापति का जो भी फैसला हो वह संसद को चलाने की दिशा में होना चाहिए।' एक सवाल के जवाब में कमलनाथ ने कहा, 'अगर सभापति मत विभाजन के बारे में फैसला करते हैं तो हमें वोटिंग के लिए तैयार होना पडेगा।' यूपीए सरकार को बाहर से समर्थन दे रही समाजवादी पार्टी के अंदर इस मुद्दे पर अलग-अलग सुर दिखाई दे रहे हैं। एसपी के नेता और महासचिव रामगोपाल यादव ने कहा एफडीआई पर मतविभाजन की स्थिति में उनकी पार्टी सरकार के खिलाफ वोट करेगी। जब उनसे पूछा गया कि निचले सदन में पार्टी का रुख क्या होगा, तो उन्होंने कहा कि लोकसभा के नेताओं से पूछिए। इस मामले में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि अभी हमने अपना रुख तय नहीं किया है। उन्होंने कहा कि नेताजी (मुलायम सिंह यादव) तय करेंगे कि पार्टी का रुख क्या होगा। इससे पहले, बृहस्पतिवार सुबह लोकसभा स्पीकर मीरा कुमार ने एफडीआई के मुद्दे पर मत विभाजन के प्रावधान वाले नियम 184 के तहत चर्चा कराने का नोटिस स्वीकार कर लिया। सदन की कार्यवाही शुरू होने पर मीरा कुमार ने कहा, 'मुझे मल्टि-ब्रैंड रीटेल में एफडीआई के मुद्दे पर नियम 184 के तहत चर्चा कराने के संबंध में 30 नोटिस प्राप्त हुए हैं। मैंने इसे स्वीकार कर लिया है।' उन्होंने कहा कि चर्चा की तारीख और समय का फैसला बाद में किया जाएगा। लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने अध्यक्ष की व्यवस्था पर धन्यवाद देते हुए कहा, 'सदन की भावना को ध्यान में रखने के लिए मैं आपका आभार व्यक्त करती हूं और आपको विश्वास दिलाती हूं कि अब सदन सुचारू रूप से चलेगा।' गौरतलब है कि एफडीआई के मुद्दे पर हंगामे के कारण 22 नवंबर से शुरू हुए संसद के विंटर सेशन में लगातार चार दिन कोई कामकाज नहीं हो सका। इस मुद्दे पर तृणमूल कांग्रेस ने सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश करने की कोशिश की लेकिन संख्या बल नहीं होने के कारण यह प्रयास विफल रहा था। गतिरोध समाप्त करने के प्रयास सर्वदलीय बैठक बुलाई गई जो बेनतीजा रही, क्योंकि विपक्ष मतविभाजन के प्रावधान के तहत चर्चा कराने पर अड़ा हुआ था। बहरहाल, यूपीए के घटक दलों की बैठक के बाद संसद में जारी गतिरोध दूर करने का रास्ता निकल सका। मल्टि-ब्रैंड रिटेल में एफडीआई के मुद्दे पर चर्चा शुरू होने से पहले गुरुवार को संसदीय कार्य मंत्री कमल नाथ, गृह मंत्री और सदन के नेता सुशील कुमार शिंदे, लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने लोकसभा स्पीकर मीरा कुमार से मुलाकात की। कमल नाथ ने अब संसद की कार्यवाही गुरुवार को सुचारू रूप से चलने की उम्मीद जताई। उन्होंने कहा कि सरकार जब एफडीआई के मुद्दे पर वोटिंग के लिए राजी हो गई है तो कार्यवाही बाधित होने का प्रश्न ही नहीं है। यूपीए की सहयोगी डीएमके हालांकि एफडीआई के विरोध में है लेकिन उसने स्पष्ट कर दिया है मतविभाजन की स्थिति में वह सरकार का साथ देगी। बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) भी इसका विरोध कर रहे है लेकिन मतविभाजन पर उसका स्पष्ट रुख अब तक सामने नहीं आया है। सूत्रों का कहना है कि एसपी और बीएसपी मतविभाजन में भाग न लेकर अप्रत्यक्ष रूप से सरकार का सहयोग कर सकते हैं। सरकार को तृणमूल कांग्रेस के उस फैसले से भी राहत मिली है जिसमें उसने कहा है कि बहस किसी नियम के तहत हो, इसका चर्चा पीठासीन अधिकारी करे। हालांकि सरकार तृणमूल का समर्थन मिलने को लेकर आश्वस्त नहीं है। तृणमूल से जुड़े एक सूत्र ने बताया कि मतविभाजन की स्थिति में तृणमूल भी इससे दूर रह सकती है।

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